ये हम आ गए कहाँ!!! (13)

     रूद्र ने रेहान के नाम से कुछ ऐसा किया था जिसके कामयाब होने के लिए वह मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था। कुछ देर बाद ही शिखा ने आवाज लगाई जिससे वह समझ गया की लावण्या और उसकी पूरी फैमिली घर आ चुकी है और लड़की वाले, यानी मिस्टर एंड मिसेज अहूजा किसी भी वक्त यहां पहुंचते ही होंगे। लावण्या और उसकी फैमिली के आने की खबर सुन रूद्र खुश हो गया और वह उन सब से मिलने के लिए हॉल की तरफ भागा जहां उसके सामने लावण्या ललित और अनन्या थे लेकिन जाने क्यों उसकी नजर बार-बार दरवाजे की ओर जाती। जाने क्यों वह शरण्या को देखना चाह रहा था, जाने क्यों उसे देखने के लिए मन बेचैन हुआ जा रहा था। सबके होते हुए भी रूद्र को एक खालीपन सा महसूस हो रहा था सिर्फ और सिर्फ शरण्या के ना होने से और इस बारे में वह किसी से पूछ भी नहीं सकता था। 

      कुछ देर बाद ही लड़की वाले भी पहुंच गए। रेहान बेचारा सबके सामने मुस्कुराते हुए खड़ा हो गया और औपचारिकतावश सबका अभिवादन किया। घर आए मेहमान का स्वागत करना उसका फर्ज था और वैसे भी वो लोग उसी के लिए आए थे। रेहान बेचारा, वो कभी लावण्या को देखता तो कभी मेघना को तो कभी गुस्से में रूद्र को! बस एक बार ही तो उसे लावण्या से बात करने के लिए वक्त चाहिए था, एक मीटिंग तक अरेंज नहीं करवा पाया था वह। अब तो बस एक ही तरीका था कि वह मेघना से इस बारे में बात करें लेकिन कैसे? अभी तक तो लावण्या ने भी कुछ नहीं कहा। इतना कुछ होने के बाद भी वह खामोश थी इसका मतलब क्या था? क्या उसे उससे प्यार नहीं था? क्या उसका प्यार एक तरफा था? यह सोचते हुए उसका दिल भर आया। वहीं लावण्या बिल्कुल शांत बैठी अपने फोन में कुछ चेक कर रही थी।

      अपना फोन चेक करते हुए अचानक से लावण्या ने रेहान की तरफ देखा जो कि उसी की तरफ देख रहा था। लावण्या से नजरें मिलते ही रेहान का दिल धड़क उठा। उसने आंखों ही आंखों में लावण्या से प्रेम निवेदन करना चाहा लेकिन लावण्या समझ नहीं पाई। मेघना भी रेहान के पास ही बैठी थी। दोनों परिवारों की रजामंदी से रेहान और मेघना को ऊपर छत पर भेज दिया गया ताकि वह दोनों अकेले में कुछ बात कर सके। इधर रूद्र को अपना प्लान फेल होता नजर आ रहा था और बस मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था। लेकिन इसी बीच बार-बार उसकी नजर दरवाजे पर जाती। जाने क्यों उसे शरण्या के आने की उम्मीद लगी थी। 

      रेहान के लिए रूद्र को कुछ तो करना था। अपना काम बनता ना देख रुद्र ने साइड में हो कर विहान को कॉल किया। विहान ने जैसे ही फोन उठाया, रूद्र उसे कुछ कहना चाहता था लेकिन एक हवा के झोंके ने उसके दिल की धड़कन को तेज पर मजबूर कर दिया। वह हवा का झोंका जब उसे छूकर गुजरा, तब उसके दिल ने बस एक ही नाम लिया "शरण्या!!!" उसने पलट कर देखा तो सच में दरवाजे पर शरण्या ही खड़ी थी। आज पहली बार उसने साड़ी पहनी थी और साड़ी में शरण्या बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी, ऊपर से उसके खुले लहराते बाल। रूद्र का दिल मानो धड़कना ही भूल गया और आंखों ने कुछ और देखने से इंकार कर दिया, जैसे यह दिलकश नजारा पहली बार दिख हो और कभी देखने को ना मिले! फोन की दूसरी तरफ से विहान बार-बार उसे आवाज दिए जा रहा था लेकिन रूद्र को शरण्या के अलावा ना कुछ दिखाई दे रहा था और ना कुछ सुनाई दे रहा था। 

     शरण्या को इस तरह तैयार होकर आया देख शिखा से रहा नहीं गया और खुश होते हुए बोली, "अरे शरण्या! तुमने इतनी देर क्यों लगा दी? पता है हम सब तुम्हारा इंतजार कर रहे थे।" फिर उसे सर से पांव तक निहारते हुए बोली, "आज तुम बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही हो सच में ऐसे ही रहा करो।" शरण्या सोफे पर बैठ कर एक गहरी सांस लेते हुए बोली, "आपको पता भी है आंटी! इसे पहनने में मुझे कितने घंटे लगे हैं! पता नहीं सब कैसे पहन लेते हैं इसे? वह तो नेहा के भैया की रिशेप्शन में जाना है इसलिए, वरना मैं यह सब नहीं पहनने वाली कभी। उसी की डिमांड थी, साड़ी पहन कर आओ! वरना तो मेरा और ऐसे कपड़ों का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। कौन इतना झंझट पाले! सिंपल सा शर्ट पैंट लगा लिया। अगर रोज मैं इतने घंटे तैयार होने में लगाती रही ना तो मेरा हो गया सारे काम।"

     शिखा उसके चेहरे को छूते हुए बोली, "फिर भी बेटा! तुम बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही हो साड़ी में! सच में, जहां जा रही हो, वहाँ हर किसी की नज़र तुम पर ही होगी। तुम इतनी खूबसूरत लग रही हो, मैं अभी तुम्हारे लिए काला टीका लाती हूं!" कहकर वह कमरे में जाने को हुई। रूद्र वही खड़ा था, शिखा का ध्यान नहीं रहा और जाते हुए और उधर से टकराई। रूद्र जो कि अभी भी शरण्या को देखने में ही खोया हुआ था, अचानक से इस झटके से वह होश में आया। उसे ख्याल आया कि उसने विहान को फोन लगाया था और एक बार भी उससे अभी तक बात नहीं हुई थी। जब उसने अपने फोन को चेक किया तो पाया कि करीब 10 मिनट पहले ही विहान फोन काट चुका था। उसने एक बार फिर से फोन लगाया और फोन लेकर बाहर निकल गया। 

       विहान ने फोन उठाते ही उसे गाली देना शुरू कर दिया। इधर रूद्र को खुद भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उसे हो क्या गया है जो वह शरण्या के लिए ऐसा कुछ महसूस कर रहा है? यह एहसास समझने में उसे अभी भी वक्त लग रहा था। बिना उसे देखें उसके आने की खबर कैसे लग गई" यह सोचकर ही रुद्र हैरान था। जब विहान ने उसे जी भरकर कोस लिया तब जाकर रूद्र बोला, "वह शरण्या आई है! मेरा मतलब मेघना आई है! भाई के लिए। वह दोनों ऊपर छत पर है। तुझसे कुछ इंतजाम हुआ? तु बस यह रिश्ता तोड़ होने में कुछ हेल्प कर दे, आगे का तो मैंने काम कर दिया है बस एक काम ही तेरे जिम्में मे है। मैं नहीं चाहता मेरा भाई प्यार किसी और से करें और शादी किसी और से। जो दो लोग प्यार करते हैं ना, उन्हें साथ में रहने का हक होता है यार! मैं नहीं चाहता कि मेरे भाई के साथ कुछ भी गलत हो।" बातें करते हुए रूद्र की नजर बार-बार दरवाजे की ओर उठ जाती और उसकी नजर एक झलक शरण्या को देखने के लिए बेचैन हो जाता। उसने अपनी बात पूरी की और फोन काट दिया। 

    मेघना तो पहले ही रेहान को पसंद कर चुकी थी और यह बात वह पहले ही अपने घर वालों को बता चुकी थी। उसके घर वालों ने भी शिखा और धनराज को मेघना की पसंद के बारे में बता दिया था। अब सिर्फ रेहान के हाँ करने की बारी थी और यह रिश्ता पूरी तरह से पक्का हो जाता। रुद्र जब अंदर आया, उसकी नजर सबसे पहले शरण्या पर ही गई जो फोन पर किसी से बात करने में लगी थी और साथ ही एक हाथ से अपने बालों को समेट रही थी जो बार बार उसके चेहरे पर झूल जाते। रेहान और मेघना अभी भी छत पर ही थे और रूद्र को शरण्या से अपनी नजर हटानी थी, इसलिए वह रेहान के लिए छत पर चला गया। वहां जाकर उसने देखा, बेचारा रेहान जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश कर रहा था और मेघना बस बोले जा रही थी। इतनी देर में बेचारे रेहान ने एक शब्द नहीं कहा होगा। रुद्र को आया देख रेहान ने चैन की सांस ली और आंखों से कुछ इशारे किए ताकि वह उसे बचा ले। रूद्र भी कहां पीछे हटने वाला था, उसने मेघना के कंधे पर अपनी कोहनी टिकाते हुए कहा, "और मेघना जी! आपको हमारे लाडले पसंद तो आए ना?"

     मेघना शरमाते हुए बोली, "मैं तो पहली नजर में ही इन पर फ्लैट हो गई थी। मुझे नहीं पता था कि मुझे इनका ही रिश्ता आएगा। सच में! अगर मैं कुछ और भी मांगती तो वह भी मिल जाता।" रुद्र के चेहरे की सारी मुस्कुराहट गायब हो गई और एक झूठी मुस्कुराहट अपने चेहरे पर लिए वह बोला, "सब आप लोगों को नीचे बुला रहे हैं तो आप लोग नीचे चलो। रेहान! तू जा मेघना को लेकर, मैं अभी आता हूं ठीक है!" रेहान अब और मेघना के साथ एक पल भी नहीं रहना चाहता था। उसने रूद्र को छोड़कर जाने से आनाकानी की जिसे रुद्र समझ गया और वह बोला, "रेहान! सब तुम दोनों को नीचे बुला रहे हैं। तुम जाओ मैं एक जरूरी काम निपटा कर आता हूं ठीक है!"

     रूद्र की मुस्कुराहट देख रेहान को कुछ-कुछ शक हुआ तो वह मेघना को लेकर नीचे चला गया लेकिन जाते जाते एक बार पलट कर उसने रूद्र को जरूर देखा। रूद्र ने भी पलके झपका कर उसे रिलैक्स रहने का इशारा किया और उसके जाते ही किसी को फोन लगाया, क्योंकि उसे अच्छे से पता था विहान से कुछ नहीं होने वाला। वह सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करना जानता है। "मेरा एक प्लान तो सक्सेसफुल नहीं हुआ लेकिन अभी तक वह फेल भी नहीं हुआ है। उससे पहले मुझे यह वाला काम करना है और मुझे पूरा यकीन है कि यह वाला प्लान मेरा फेल नहीं होगा। भले ही आईडिया थोड़ा पुराना है लेकिन तड़का तो नया है ना! इसके बाद जो होगा वह भगवान भरोसे, लेकिन अपने भाई का रिश्ता मैं इस लड़की के साथ तो नहीं होने दे सकता जो उसे बोलने का एक मौका ना देती हो। वैसे ही मेरा भाई इतना कम बोलता है ऊपर से ये है चपड़ चपड़!!!"

     रूद्र अपना काम करके नीचे की ओर भागा। मेघना ने तो आते ही अपना फैसला सबको सुना दिया और बेचारा रेहान वह कुछ बोल ही नहीं पाया। ऑफिस में इतनी स्ट्रीक्ट पर्सनालिटी वाला रेहान इस वक्त किसी लाचार इंसान से कम नहीं लग रहा था। धनराज ने भी उससे पूछना जरूरी नहीं समझा और उसकी ख़ामोशी को हां समझ लिया। इधर लावण्या अपना दिल थामे बैठी हुई थी और यहां बैठना उसके लिए किसी सजा से कम नहीं था। सिर्फ अपने घरवालों की वजह से उसे यह सब कुछ देखना पड़ रहा था और अपना ध्यान भटकाने के लिए वह बार-बार अपने फोन में कुछ पढ़े जा रही थी। रूद्र आया और उसे पीछे से थामते हुए कान मे बोला, "इन दोनों की जोड़ी बिल्कुल नहीं जमती.....! सच कहूं तो मेरे भाई के साथ सिर्फ एक लड़की अच्छी लगती है.............तुम!!!!"

     रूद्र की बात सुनकर लावण्या हैरानी से उसे देखने लगी तो रूद्र ने मुस्कुरा कर आंख मार दी। लावण्या समझ गई कि वो जरूर कोई कांड करने वाला है ताकि ये रिश्ता न हो और वह कांड किसी भी वक्त आता ही होगा। मेघना के घरवालों ने आज ही सगाई के लिए बात रखी लेकिन शिखा का मन था कि उसके पहले बच्चे की शादी है तो वह धूमधाम से उन दोनों की सगाई करवाना चाहती है इसीलिए अभी सिर्फ रोके की रस्म के लिए कहा तो सभी मान गए। बात हाथ से निकलता देख रेहान ने कुछ कहना चाहा लेकिन धनराज ने उसे चुप करा दिया। शिखा पूजा घर जाकर माता की चुन्नी ले आई और कुछ श्रृंगार का सामान एक थाल में सजाकर तिलक के साथ वह हॉल में आई। वैसे तो शिखा लावण्या और शरण्या दोनों को ही अपनी बहू बनाना चाहती थी लेकिन जिसकी किस्मत में जो लिखा हो वही होता है यह सोचकर उसने दिल से मेघना को स्वीकार किया। पंडित जी भी थोड़ी ही देर में वहां पहुंच गए और आरती की थाली सजाने को कहा। 

    थोड़े बहुत विधि विधान के साथ शिखा ने जैसे ही चुन्नी लेकर मेघना को ओढ़ाना चाहा उसी वक्त एक आदमी हवा के तेजी से घर में दाखिल हुआ जिसे रोकने के लिए सारे सिक्योरिटी गार्ड दौड़ पड़े थे और उसके पीछे ही थे लेकिन वो आदमी जबरदस्ती घर में घुसे जा रहा था। अचानक से किसी अनजान इंसान को अपने घर में देख शिखा चौक गई और वहां मौजूद सभी एक दूसरे को देखने लगे कि शायद कोई तो उसे पहचानता हो लेकिन वहां ऐसा कोई नहीं था जो उस इंसान की पहचान के बारे में बता सके। उस आदमी ने छूटते ही कहा, "यह तो गलत है ना! प्यार की बातें मुझसे और शादी किसी और से!!! यह कहां का इंसाफ है माय लॉर्ड! आज अगर ये शादी तय हुआ तो मैं अभी यहीं अपनी जान दे दूंगा!"

    

     लावण्या जोकि रूद्र के किसी कांड का इंतजार कर रही थी उसने एक नजर रूद्र को देखा और समझ गई कि यह वही है, लेकिन यह तो किसी पुराने हिंदी फिल्म का कोई घिसा पिटा सा सिन लग रहा था। शरण्या भी कहां कम थी! उसने उस आदमी की ओवरएक्टिंग देख कर ही समझ लिया कि जरूर रूद्र की कोई कारस्तानी है और बात जितनी सीधी दिख रही है इतनी सीधी है नहीं। जरूर इसमें कोई बहुत बड़ा पंगा है जो अभी सामने आना बाकी है क्योंकि रूद्र किसी घीसी पीटी लाइन पर चलने वालों में से नहीं है। उसने एक गहरी सां स लेकर कहा "बिचारा रेहान!!!!"

      

      

      आखिर क्या करने वाला है रूद्र और क्या शरण्या का शक सही है? आखिर क्यों उसे रेहान पर तरस आ रहा है? जानने के लिए चलते रहिये रूद्र और शरण्या के इस सफर मे उनके साथ!!! 







टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही बेहतरीन और मजेदार भाग था मैम!! 👌👌 ऐसा लग रहा है जैसे कोई बढ़िया सी रोम-कोम फ़िल्म लगा दी गई हो...!! 😃😍 और रुद्र तो नजाने क्या कांड करेगा? पर जो भी करे, बस ये मेघना रास्ते से हटनी चाहिए और रेहान और लावण्या के बारे में सबको पता चल जाना चाहिए...!!! बाकी अपनी शाकाल के लिए कितना बेचैन है रुद्र!! 😆🤗

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  2. Suprbbbbbbbbbbbb 💕💕💕💕 kya tigdam lagaya hai rudra

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