सुन मेरे हमसफर 312
312 अवनी खाना खाने के बाद कुछ देर तक स्टडी रूम में बैठी अपने एनजीओ के फाइल में उलझी रही। जब रात के 12:00 बजे और नींद आंखों में भरने लगी तब जाकर उन्हें सोने का ख्याल आया। अवनी स्टडी रूम से अपने सारे काम समेट कर बाहर निकली और अपने कमरे की तरफ बढ़ी। लेकिन चलते हुए एक पल को उनके कदम रुक गए। 'निशि अंशु के पास गई है। ऐसे में उन दोनों के बीच क्या बात हुई होगी? अंशु से आज पूरे दिन में एक बार भी बात नहीं हो पाई है। पता नहीं कहां है क्या कर रहा है। निशि को इस तरह अचानक अपने सामने देखकर पता नहीं अंशु ने कैसे रिएक्ट किया होगा। आई होप वह ठीक हो।' सोचते हुए अवनी ने अपना फोन लिया और अव्यांश को कॉल लगा दिया। रिंग जाती रही लेकिन अव्यांश ने फोन नहीं उठाया लेकिन अवनी भी कहां हार मानने वाली थी। अगर अव्यांश जिद्दी था तो वह उसकी भी मां थी। अवनी ने तब तक फोन किया जब तक की अव्यांश ने परेशान होकर फोन रिसीव नहीं कर लिया। फोन के दूसरी तरफ से अव्यांश की परेशान सी आवाज आई "क्या हुआ मॉम! आप इतना कॉल क्यों कर रही है?" अवनी कुछ कहती उससे पहले उन्हें बैकग्राउंड से कुछ आवाज सुनाई दी...